- इलेक्ट्रिक वाहन क्या है?
- इलेक्ट्रिक वाहन के क्या फायदे हैं?
- इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करते समय क्या चुनौतियाँ आ सकती है? और उनका क्या समाधान है?
- इलेक्ट्रिक वाहनों पर सरकार की क्या सहायता है?
- इलेक्ट्रिक वाहनों पर क्या हैं कंपनियों के विचार?
इन सब के बारे में आज हम जानेंगे। तो आइए शुरू करते हैं।

इलेक्ट्रिक वाहन क्या है?
इलेक्ट्रिक वाहन एक ऐसा वाहन होता है जो पेट्रोल के जगह बैटरी द्वारा चलता है। वर्तमान समय में भारत में लाखों-करोड़ों वाहन है जो पेट्रोल की मदद से चलते हैं। बहुत सारे वाहन डीजल की मदद से चलते हैं। भारत सरकार पेट्रोल और डीजल के उत्पादन को कम करने के लिए एवं प्रदूषण को रोकने के लिए हमारे देश में वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन में बदलने पर जोर दे रही है।
इलेक्ट्रिक वाहन के क्या फायदे हैं?
इलेक्ट्रिक वाहन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि,यह बिजली से चलता है। इन वाहनों को बिजली के उपयोग से चार्ज किया जाता है। जो कि प्रदूषण मुक्त है। इन वाहनों से हमारा वातावरण साफ और अच्छा रहेगा।
पेट्रोल और सीएनजी की गाड़ियां जब चालू होती है तो आवाज करती है। चलाते वक्त भी वाहन से आवाजें आती है। मगर इलेक्ट्रिक वाहन इसे पूरा विपरीत है। इलेक्ट्रिक वाहन शुरू करने में और चलाने में बिल्कुल आवाज नहीं करता है। आपको पता ही नहीं चलेगा कि आप गाड़ी चला रहे हैं और अगर आप के बगल से कोई इलेक्ट्रिक गाड़ी पार होगी तभी आपको भनक तक नहीं होगी।
इलेक्ट्रिक वाहन पेट्रोल और सीएनजी की गाड़ियों से काफी सस्ता है। बिजली का भाव पेट्रोल और सीएनजी से काफी सस्ता है। और इसमे रखरखाव भी कम करना पड़ता है, पेट्रोल और सीएनजी की गाड़ियों के मुक़ाबले में।
इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करते समय क्या चुनौतियाँ आ सकती है? और उनका क्या समाधान है?
इलेक्ट्रिक वाहनों के इतने फायदे हैं तो कुछ नुक्सान भी है। मगर घबराने की कोई बात नहीं है। क्योंकि भारत सरकार इन नुक्सानो पर काम कर रही है। जैसे चार्जिंग स्पीड को और अधिक कैसे करे इसपर काम जारी है। और बैटरियों को और अच्छा कैसे करे इसपर भी काम हो रहा है। सड़कों पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाया जा रहा है। शहर में चार्जिंग स्टेशन बहुत तेजी से बनाए जा रहे हैं। और तो और सरकार गांव जैसी छोटी जगह पर भी चार्जिंग स्टेशन बनवा रही है।
दिन भर दिन कोई न कोई चुनौतियाँ तो आती रहेंगी, मगर इसका समाधान भी इसके साथ ही आएगा।

इलेक्ट्रिक वाहनों पर सरकार की क्या सहायता है?
भारत सरकार ने देश विदेश में देखा कि इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन शुरू हुआ है। और इसके अनेक फायदे हैं जनता को। उन्हें सबसे अच्छी बात ये लगी कि ये प्रदूषण मुक्त है। इन गाड़ियों से हमारा माहौल अच्छा रहेगा। स्वच्छ परिवहन रहेगा। ये सब देख कर भारत में इलेक्ट्रिक वाहन का निर्माण हुआ।
सबसे पहले इलेक्ट्रिक वाहन अमेरिका में बनाया गया था। अमेरिका की एक मशहूर कंपनी टेस्ला के मालिक दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलोन मस्क है। इनकी ही दृष्टि थी कि दुनिया में इलेक्ट्रिक वाहन का अवधारणा लाया जाए। आज इनकी कंपनी एक अलग आयाम पर कायम है। इस कंपनी के सफलता के कारण ही आज एलोन मस्क दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन पाए हैं।
70% लोग 2028 तक इलेक्ट्रिक वाहन का उपयोग करने लगेंगे। इसलिए अभी भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहन के निर्माण पर बहुत जोर दे रही है। जिसके फलस्वरूप बहुत सारी कंपनियां भी इस निर्माण में उतर रही हैं।
इलेक्ट्रिक वाहनों पर क्या हैं कंपनियों के विचार?
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के रूप में सबसे पहले स्कूटर आए थे। शुरू शुरू में जब यह स्कूटर आए थे तो इनमें बहुत सारी अच्छाई थी। और कुछ दिक्कतें भी आई थी। लेकिन सरकार की तरफ से इस क्षेत्र में रुझान देखने के बाद देश की अन्य एकल कंपनियां जैसे कि अशोक लीलैंड, टाटा मोटर्स, जेबीएम ऑटो, महिंद्रा, मारुति सुजुकी एवं अन्य कई कंपनियां भी क्षेत्र में अपना दबदबा बनाने के लिए प्रयासरत है।
भारत में वर्तमान समय में ओला जो कि एक जानी मानी कंपनी है। जो क्या करती है आप सभी जानते हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों में भारत का रुझान देखते हुए ओला कंपनी ने भी अपना खुद का स्कूटर बनाना शुरू किया। और इन्होंने कुछ ही समय में बहुत जबरदस्त स्कूटर बनाया।
ओला बहुत जल्द चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहन भी बनाने वाला है। दोपहिया स्कूटर की सफलता देखकर इस कंपनी को बहुत ही ज्यादा प्रेरणा मिला भारत में। इलेक्ट्रिक वाहन का अपना एक अलग स्थान है। और आने वाले समय में ये और भी बढ़ता जाएगा।
वही बहुत सारी ऐसी भी कंपनियां हैं जो इलेक्ट्रिक बस बनाने का कार्य करती हैं। और बॉबी इलेक्ट्रॉनिक बस बनाने का कार्य कर रही है। इलेक्ट्रिक बस के बहुत सारे फायदे हैं। जिससे प्रदूषण में कमी आती है। पेट्रोल का खर्चा बचता है। और बहुत ही आसानी से ध्वनि प्रदूषण में भी कमी आई है। एवं पर्यावरण प्रदूषण में भी कमी आई है। और यह इलेक्ट्रिक बसें सामान्य बसों की तुलना में बहुत ही ज्यादा आरामदायक है। इलेक्ट्रिक बस बनाने वाली कंपनियों में से कुछ कंपनियां मुख्य हैं जैसे ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक, जेबीएम ऑटो, अशोक लीलैंड, आदि टाटा मोटर भी इस फील्ड में अपनी पकड़ मजबूत कर रही है।

टाटा मोटर्स का नाम आप सभी ने सुना होगा। टाटा मोटर्स ने भी सामान्य गाड़ियों से हटकर इलेक्ट्रिक वाहनों में अपना एक अच्छा दबदबा कायम किया है। उन्होंने बहुत सारे चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहन नए और आकर्षक लुक में निकाले है। और आज टाटा मोटर्स सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहन बेचने में नंबर एक पर है। और इसका सीधा सा कारण यह है, इस समय के साथ चलना है। यदि आप जीवन में समय के साथ चलते हैं तो आप बहुत आगे बढ़ सकते हैं।
भारत में बहुत सारी कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहन बनाने के लिए तत्पर है। क्योंकि आने वाला समय पेट्रोल के वाहन के लिए लाभदायक नहीं है। पेट्रोल के दामों में हर समय बढ़ोतरी होता देखते हुए इलेक्ट्रिक वाहन एक अच्छा विकल्प बनकर सामने आया है।
बहुत सारी ऐसी भी कंपनियां है जो दो पहिए वाली गाड़ी ही बनाती है। और उनका भी रुझान इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ जा रहा है। जैसे कि हीरो कंपनी, हौंडा कंपनी, सुजुकी कंपनी और और बजाज की कंपनियां भी इस दौड़ में पीछे नहीं है।
आने वाले समय में हर तरह के वाहनों में सबसे अच्छा वाहन इलेक्ट्रिक वाहन माना जाएगा। जिसका जीता जागता उदाहरण है “टेस्ला” जो कि अमेरिका में बहुत ही ताकतवर कंपनी है। जिसके मालिक पूरी दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति में से एक है। अगर एक इंसान इलेक्ट्रिक वाहन के खंड में काम करके दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल हो सकता है, तो भारत के बहुत सारी कंपनियों के मालिक भी इस लिस्ट में आ सकते हैं।
क्या भारत पेट्रोल मुक्त हो पाएगा? क्या इलेक्ट्रिक वाहन भारत में अपना सिक्का जमा पाएगा?
आपकी विचारधारा क्या है? यह हमें जानकर बहुत खुशी होगी। तो इस लेख के कमेंट में अपनी विचारधारा लिखकर हमें जरूर बताएं और ये भी बताएं कि क्या आपको इलेक्ट्रिक वाहन के बारे में ये सारी बातें पता थीं या नहीं?
अगर आपने अभी तक इलेक्ट्रिक वाहन नहीं इस्तेमाल किया है, तो हम यही चाहेंगे कि आप एक बार इलेक्ट्रिक वाहन का इस्तेमाल जरूर करें। और अपना अनुभव इस लेख के कमेंट सेक्शन में जरूर लिखें। इसी आशा और विश्वास के साथ हम अपना लेख यहीं पर समाप्त करते हैं। अपना अमूल्य समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।