चंद्रयान-3 एक मिशन ही नहीं बल्कि न जाने कितने सालों की तपस्या है। न जाने कितने लोगों का अरमान है। और ना जाने कितने देशवासियों की उम्मीदें इस पर टिकी हुई है। बल्कि पूरे भारत देश के लिए यह मिशन बहुत बड़ा है।
चंद्रयान-3 इसरो के अंतर्गत भारत का तृतीय लूनर एक्सप्लोरेशन है। इसरो जिसे हम इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन के नाम से भी जानते हैं। भारत में यह संस्था स्पेस से रिसर्च के संबंध में एक बहुत बड़ी संस्था है।
चंद्रयान-3, 14 जुलाई 2023 को चंद्रमा पर जाने के लिए रवाना किया गया था। भारत के स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन के द्वारा।
चंद्रयान-3, 5 अगस्त 2023 को चंद्रमा के लूनर के परिक्रमा में प्रवेश कर गया था।

23 अगस्त 2023 को भारत का यह चंद्रयान-3 ने एक बहुत बड़ा इतिहास रचा है। जिसका साक्षी ना पूरा भारत बल्कि पूरी दुनिया है। इस समय का इंतजार हर एक भारतीय नागरिक बेसब्री से कर रहा था। और इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन तो इस समय का इंतजार कई सालों से कर रही थी। चंद्रयान-3, 23 अगस्त 2023 को शाम 6:04 पर चंद्रमा पर बहुत ही सॉफ्ट लैंडिंग के साथ पहुंचा। और इसी के साथ पूरे भारत वर्ष मैं खुशी के लहर दौड़ पड़ी। न सिर्फ भारत का कोना कोना बल्कि पूरे विश्व भर में इस चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग की गूंज अभी तक सुनाई दे रही है। पूरे भारत देश के एक छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा नागरिक इस पल को बेहद धूमधाम से मना रहा है।
भारत ने विश्व के इतिहास में एक बहुत बड़ा छाप छोड़ा है। जो आज तक किसी ने नहीं किया वह भारत ने कर दिखाया है। जहां तक पहुंचने की हिम्मत अब तक किसी देश में नहीं थी वहां आज भारत पहुंच चुका है। चंद्रयान-3 ने चांद पर पहुंच कर एक इतिहास बनाया है। इस ऐतिहासिक क्षण का दीदार करते हुए हम सभी भारतीयों की आंखें भर गई। एक भारतीय नागरिक होने के खातिर यह पल हम सभी के लिए बहुत ही गर्व का पल है। भारत के इतिहास में और दुनिया के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब चंद्रमा के साउथ पोल के क्षेत्र में किसी देश ने कदम रखा हो।
चंद्रमा के क्षेत्र में साउथ पोल पर पहला कदम रखने वाला भारत देश है। और यह बात एक भारतीय के लिए बहुत गर्व की बात है। भारत बना चांद के साउथ पोल पर लैंड करने वाला पहला देश और चौथा देश जिसे चांद की सतह पर स्पेसक्राफ्ट को उतारा।

अब तक 12 अंतरिक्ष यात्रियों ने चांद पर कदम रखा है। और यह सभी अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अपोलो मिशन के द्वारा चांद पर गए थे। इनकी एक ऑफिशल वेबसाइट है जिसके द्वारा हमें पता चलता है कि यह अंतरिक्ष यात्री चांद पर क्या छोड़ कर आए हैं। अब तक पता चला है कि इन अंतरिक्ष यात्रियों ने अपने देश का झंडा, अपने परिवार की तस्वीर यह सारी चीज वह छोड़कर आए थे। मगर इसी के साथ वह 96 प्लास्टिक की थैलियां भी छोड़ कर आए हैं। जिसमें शरीर की गंदगी का सामान था। जैसे उनमें डायपर्स थे। जिसमें अंतरिक्ष यात्रियों के माल, पेशाब और उल्टी थी।
