शिव की नगरी काशी। काशी जिसे बनारस के नाम से भी जाना जाता है। यह संसार की सबसे प्राचीन नगरी मानी जाती है। पुराणों में ऐसा माना जाता है कि काशी नगरी को भगवान शिव ने ही बनाया था। और आदि अनंत अकाल से भगवान शिव इस नगरी में ही वास करते हैं।
काशी में बाबा काशी विश्वनाथ का भव्य मंदिर हैं जोकि शहर के सबसे बीचो-बीच स्थापित हैं। जहां पर प्रतिदिन ना सिर्फ भारत से बल्कि पूरी दुनिया से लोग दर्शन करने आते हैं। और दर्शन करके उन्हें जो अनुभूति होती है उसका व्याख्यान आप एक श्रद्धालु से ही पूछ सकते हैं। यह अद्भुत और अलौकिक दर्शन आपको इस दुनिया से परे ले जाता है। आपको जो सुकून की अनुभूति, जो मन की शांति मिलती है वह आपने कभी महसूस नहीं कि होगी।
भगवान शिव की पावन नगरी में 84 गंगा घाट भी है। और यहां पर पतित पावनी गंगा भी निवास करती हैं। और इसी गंगा मां के पानी में स्नान करके पूरे भारत से लोग अपने पापों को धोने आते हैं। बनारस अपने आप में एक अति प्राचीन नगरी है। जहां पर कला साहित्य विज्ञान का अलग ही महत्व है।
काशी ही एक ऐसी नगरी है जहां पर गौतम बुद्ध ने अपनी प्रथम दीक्षा दी थी। दोस्तों ऐसा मानना है कि काशी भगवान शिव के त्रिशूल पर टिकी हुई है। बनारस के लोगों का ऐसा मानना है कि यदि प्रलय भी आ जाए तो बनारस का कुछ नहीं बिगाड़ सक्ता क्योंकि भगवान शिव ने इसे अपने त्रिशूल पर उठा रखा है। और बनारस में भगवान शिव की महिमा इतनी अपरंपार है कि हर कोई प्रतिदिन हर हर महादेव कहते नहीं थकता।
काशी विश्वनाथ मंदिर में जो आरती होती है उसकी अलौकिक छवि देखने के लिए दुनिया भर से लाखों-करोड़ों लोग आते हैं। और इस अद्भुत और विलक्षण दर्शन को देखकर आत्म विभोर हो जाते हैं।
गंगा आरती एक ऐसी आरती होती है जिसे देखने के लिए हर तीर्थयात्री आतुर रहता है। बनारस में गंगा आरती दशाश्वमेध घाट पर होती है और गंगा मां की आरती अस्सी घाट पर भी होती है। इन 2 घाटों पर गंगा मां की आरती बहुत ही जबरदस्त और अद्भुत तरीके से होती है। और जो नजारा आपको दिखता है वह अलौकिक होता है। जिंदगी में आप जब भी कभी काशी आए आप इस पल को अपनी आंखों में अपने कैमरे में और अपने दिल में जरूर कैद करेंगे। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि यह पल आपकी जिंदगी का सबसे खूबसूरत और यादगार लम्हा होगा।
काशी में ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो अपने आप में पूरी दुनिया में प्रख्यात है विख्यात हैं। आज हम इन चीजों के बारे में भी बात करने वाले हैं।
यहां पर आप गंगा के तट पर नाव की यात्रा भी कर सकते हैं। नाव की यात्रा करते हुए आप बनारस की 84 घाटों को देख सकते हैं। घूम सकते हैं और उनके बारे में नाविकों से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
बनारस के कुछ महत्वपूर्ण घाट इस प्रकार हैं हरिश्चंद्र घाट, मणिकर्णिका घाट, यह घाट ऐसे हैं जहां पर अंतिम क्रिया पाने वाले इंसान को मोक्ष प्राप्त होता है। और यहां पर मृत्यु के पश्चात इंसान का अंतिम संस्कार किया जाता है।
हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी भी बनारस से ही सांसद ई का चुनाव लड़ते हैं। और वह पिछले कुछ सालों से बनारस के सांसद के रूप में भी कार्यरत हैं। उनके द्वारा सांसद के रूप में समय-समय पर काशी में आगमन होता रहा है। और माननीय प्रधानमंत्री द्वारा बनारस के विकास कार्यों में बहुत ही तेजी आई है जिसके फलस्वरूप आज बनारस का कायाकल्प होता नजर आता है। जिस के रूप में आप काशी आकर सारे परिवर्तनों का अनुभव कर सकते हैं, देख सकते हैं, महसूस कर सकते हैं।
माननीय नरेंद्र मोदी जी जब पहली बार बनारस आए थे उस समय मोदी जी प्रधानमंत्री नहीं थे तो उन्होंने कहा था ” ना मैं यहां आया हूं ना किसी ने मुझे भेजा है। मुझे तो मां गंगा ने बुलाया है” मोदी जी के इस कथन के द्वारा यह साबित होता था कि मोदी जी पतित पावन गंगा मैया की सेवा करने के लिए ही बनारस आए हैं। और मां गंगा और काशी विश्वनाथ के आशीर्वाद से ही मोदी जी प्रधानमंत्री बने और उन्होंने बनारस को अपने दिल में एक स्थान दिया और बनारस का सेवक बनकर उन्होंने बहुत ही अच्छा कार्य किया है। जिसे हर कोई आज देखकर मोदी जी के तारीफों के फुल बांधता है।
बनारस में स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय अपने आप में एक ऐसा विद्यालय है जो एशिया के टॉप 3 विश्वविद्यालय में से एक है। यहां पर पूरी दुनिया से हर प्रकार की शिक्षा लेने विद्यार्थी आते हैं। और ना सिर्फ यहां पर हर तरह की शिक्षा दी जाती है बल्कि बनारस का कल्चर, बनारस की संस्कृति, बनारस का बनारसी पन भी आत्मसात हो जाता है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय ऐसा विद्यालय जहां के विद्यार्थी ना सिर्फ पूरे भारत में बल्कि पूरे दुनिया में अपना परचम लहराते हैं।
बनारस में कुछ ऐसी खास सामग्री कुछ ऐसी चीजें बहुत मशहूर हैं जिनके बारे में पूरी दुनिया में चर्चा होती रहती है। इन चीजों को बॉलीवुड में भी बहुत बार दिखाया गया है। जैसे बनारसी पान। हम सभी ने वह गाना तो जरूर सुना होगा खइके पान बनारस वाला खुल जाए बंद अकल का ताला। ये गाना बनारस के मशहूर पान के ऊपर ही बनाया गया है।
बनारस की दूसरी मशहूर चीज़ है बनारसी साड़ी। भारत में कोई ऐसी स्त्री नहीं होगी जिसे बनारसी साड़ी पहनने का शौक ना होगा। बनारस की साड़ियां ऐसी साड़ियां होती हैं जिसे पहन के हर एक स्त्री अपने आप को अलग अनुभव करती है। इस महान कारीगरी को दुनिया भर में एक अलग पहचान प्राप्त है। और बनारसी साड़ी पहनने वाली लड़कियां और औरतें अपने आप में खूबसूरत प्रदर्शित होती हैं।
गर्मियों के मौसम में बनारस में एक ऐसा फल भी आता है जो पूरी दुनिया में विश्व विख्यात है। जी हां हम बात कर रहे हैं बनारस के लंगड़े आम की बनारसी लंगड़ा आम जिसे पूरा बनारस बड़े ही प्यार से खाता है। लंगड़े आम को चाहने वाले आसपास के राज्यों तथा पूरे भारत के कोने कोने में पसंद करते हैं।
बनारस के लोगों की तो बात ही अलग है।हर एक बनारसी हर 1 दिन हर हर महादेव का नारा लगाता फिरता है। और ऐसा कोई दिन नहीं होता है जब यहां के लोग भगवान शिव को नहीं पुकारते हैं।
बनारस एक ऐसा शहर है जहां पर हर धर्म के हर जाति के लोग निवास करते हैं। और हर धर्मों के त्योहार यहां पर बड़े ही प्रेम से बड़े ही खुशी से मनाए जाते हैं। यहां का भाईचारा और यहां की एकता अपने आप में अलग स्थान रखता है।
काशी में जून या जुलाई महीने में भगवान जगन्नाथ जी का भव्य दर्शन पूजन होता है। और इसी उपलक्ष में बहुत ही जबरदस्त मेला भी लगता है। जिसे हम रथयात्रा के मेला के नाम से जानते हैं। और बनारस में नाटी इमली का भरत मिलाप तथा रामनगर का रामलीला भी बड़ा प्रचलित है। जिसको देखने के लिए बनारस के कोने-कोने से तो लोग आते ही हैं। पूरे भारत के विभिन्न शहरों से भी लोग इनका लाभ उठाने आते हैं।
काशी पूरी दुनिया में कल भी विख्यात था आज भी विख्यात है और आने वाले हजारों सालों तक विख्यात रहेगा। आप जब भी कभी काशी आए तो यहां की पतित पावनी गंगा मैया तथा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर मैं दर्शन जरूर करें। यहां के संकट मोचन मंदिर की अपनी एक अलग मान्यता है। बनारस में हजार से भी ज्यादा मंदिर हैं जहां पर आप दर्शन कर सकते हैं।
उम्मीद करते हैं कि आपको बनारस के बारे में बहुत सी बातें जानने को मिली और सीखने को मिली होगी। आपको क्या सीखने मिला और आगे आप किस तरह के शहर के बारे में जानना चाहेंगे कमेंट करके जरूर बताएं। आपका कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।